सोने की आभूषण: अब देश में महिलाएं अपने पुराने सोने के आभूषणों को आभूषण विक्रेताओं को नहीं बेच पाएंगी। सरकार ने सोने की हॉलमार्किंग तथा सोने की खरीद और बिक्री के लिए कुछ नये नियम जारी कर दिए हैं।
भारत सरकार ने हाल ही में सोने के ज्वेलरी और अन्य गोल्ड प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए नई मार्गनिर्देश जारी की हैं। नये नियमों के अनुसार 1 जून 2023 से हर सोने के गहने और कलाकृति पर एक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होना अनिवार्य होगा। यह HUID नंबर प्रत्येक सोने के प्रोडक्ट को एक विशेष पहचान प्रदान करेगा और उसकी पवित्रता की जानकारी भी सुनिश्चित करेगा।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का पहचान चिह्न
BIS का पहचान चिन्ह (जैसे कि 22K या 18K) सोने की वस्तुओं पर अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए। यह बात विशेष रूप से उस देश के लिए महत्वपूर्ण है। जहां सोने को परंपरागत रूप से एक सुरक्षित निवेश का माध्यम माना जाता है। इसके अलावा नए नियमों के द्वारा सोने के गहनों और कलाकृतियों की खरीदारी में अब अधिक पारदर्शिता विश्वास और ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने की उम्मीद है। इससे आप पुरानी गोल्ड ज्वेलरी को नई गोल्ड ज्वेलरी के साथ आसानी से बदल सकते हैं। जो पहले से ही पारदर्शी और सुरक्षित हो चुकी है।
Today Gold Price
यद्यपि अगर आपके पास पुराने हॉलमार्क रहित सोने के आभूषण हैं तो आप उन्हें बेचने या नए डिजाइन के लिए एक्सचेंज करने में सक्षम नहीं होंगे।जब तक कि आप उन्हें पहले हॉलमार्क करवा न लें।
बीआईएस पंजीकृत जौहरी आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए बीआईएस एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर ले जाएगा। सोने के आभूषणों को हॉलमार्क कराने के लिए उपभोक्ता को प्रत्येक पीस के लिए मामूली 45 रुपये का शुल्क देना होगा। हॉलमार्क प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही आप उन्हें बेच सकेंगे।